ज़िन्दगी क्या है कैसी है ज़िन्दगी
जिस नज़र से देखे वैसी है ज़िन्दगी
भूखे के लिए रोटी, प्यासे के लिए पानी
और गरीबों के लिए खवाब है ज़िन्दगी
अंधों के लिए आँखे, बेजुबान के लिए आवाज़
और बेसहारो के लिए बैसाखी है ज़िन्दगी
प्रेमी के लिए प्यार दुश्मन के लिए दुश्मनी
और दोस्तों के लिए दोस्ती है ज़िन्दगी
खिलाडी के लिए खेल अभिनेता के लिए अभिनय
और शराबियो के लिए जरा सी मय है ज़िन्दगी
संगीतज्ञ के लिए संगीत नर्तक के लिए नृत्य
और कवी के लिए कविता है ज़िन्दगी
किसी के लिए सुख किसी के लिए दुःख
और किसी के लिए मजाक है ज़िन्दगी
और भी कई रंग है ज़िन्दगी के है और भी कई ढंग
गया जो लिखने उनको तो गुजर जाएगी मुफ्त में मेरी ज़िन्दगी
और
ज़िन्दगी के लिए में और मेरे लिए कुछ भी नहीं है 'ज़िन्दगी'
अरविन्द
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